Hindi Love Poetry Romance काफी है.. लफ़्ज़ों की ज़रुरत नहीं, तेरी धड़कन ही काफी है.. इज़हार करने की ज़रुरत नहीं, तेरी मुस्कराहट ही काफी है.. कोई हल की ज़रुरत नहीं, तेरा होना ही काफी है.. कोई और यार, संसार, घर बार नहीं चाहिए मुझको.. तेरे कन्धों का सहारा ही काफी है.. August 5, 2017 0 0 3amThoughts FirstLove