ज़िन्दगी से बहुत सवाल है, सारे जवाब होने का ढोंग करता हु बेवजह। दिल पीछे छोड़ आया हु, फिर भी…
लम्हों में ही कहानियां हैं, कहानियों में ही यादें।। और यादों का कुछ ऐसा है, के कोई कल हो या…
इस जी हुज़ूरी ने दिया ही क्या है? कॉर्पोरेट वफ़ा का सिला ही क्या है? अब मन की सुनूंगा मैं,…
कुछ छूट गया है तो, कुछ अनकहा है तो, कुछ इज़हार करना हो तो, मुड़के देख। ज़ुबाँ पे जो लफ्ज़…
तुम्हारे आने की ख़ुशी को तुम्हारे जाने के ग़म से तोल न पाउँगा। के शायद तुम लम्हा थी गुज़र गयी,…
मेरे लफ़्ज़ों को नज़रअंदाज़ कर, थोड़ा गौर कर मेरे जज़्बातों पर। हर बात कह दी तुझको तो क्या बात हुईं…
बहुत दर्द होगा ये जानकार, की जिसकी तलाश में घर छोड़ आए है हम, वह उसी घर में कही छिपा…
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