आज़ाद परिंदा
इस जी हुज़ूरी ने दिया ही क्या है?
कॉर्पोरेट वफ़ा का सिला ही क्या है?
अब मन की सुनूंगा मैं,
अपने सपनो को जियूँगा..
फिर आर हो या पार,
इस आज़ाद परिंदे को गिला ही क्या है?
इस जी हुज़ूरी ने दिया ही क्या है?
कॉर्पोरेट वफ़ा का सिला ही क्या है?
अब मन की सुनूंगा मैं,
अपने सपनो को जियूँगा..
फिर आर हो या पार,
इस आज़ाद परिंदे को गिला ही क्या है?
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