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ख्वाब

ख्वाब

इस मुस्कराहट की मखमली चादर के नीचे झाँक कर देखो ज़रा..
आँखें भरी है, धड़कन बढ़ी है,
सोने से डरता हू की फिर कोई हसीं ख्वाब दिखाके वो नींद से जगा न दे।

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