Hindi Love Poetry ख्वाब इस मुस्कराहट की मखमली चादर के नीचे झाँक कर देखो ज़रा.. आँखें भरी है, धड़कन बढ़ी है, सोने से डरता हू की फिर कोई हसीं ख्वाब दिखाके वो नींद से जगा न दे। February 17, 2019 0 0