
गौर कर।
मेरे लफ़्ज़ों को नज़रअंदाज़ कर,
थोड़ा गौर कर मेरे जज़्बातों पर।
हर बात कह दी तुझको तो क्या बात हुईं ,
कुछ अनकहा है, उसे महसूस कर।
बाहर तो सब ढकोंसला है, थोड़ा जान ले मुझको तू झाँककर।
कुछ ज़्यादा ख़्वाइश नहीं है मेरी,
बास कभी मेरी रूह पर तू गौर कर।