
तक़दीर
इस डर को हौंसले में तब्दील कर,
अपनी आँखों में कुछ नामुमकिन से सपने भर,
बाहर निकल, छोड़ आ अपना घर,
दिखा दे दुनिया को क्या तुझमे हैं,
अपने हाथो से अपनी तक़दीर लिख कर..
अपनी आँखों में कुछ नामुमकिन से सपने भर,
बाहर निकल, छोड़ आ अपना घर,
दिखा दे दुनिया को क्या तुझमे हैं,
अपने हाथो से अपनी तक़दीर लिख कर..