Hindi Poetry रफ़्तार ज़िन्दगी की रफ़्तार ऐसी हो की हवा का रुख बदल जाए, सब देखते रहे और तू आसमान को छू जाए, थमना तेरे तक़दीर में नहीं, ऐसे बढ़ अपनी मंज़िल की और , की मंज़िल खुद पास आने पर मजबूर हो जाए | December 16, 2016 0 0