ज़िंदा हो तुम
एक उम्मीद लेकर जी रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम,
सीने में आग लेकर बढ़ रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
कुछ पाने की चाह हो,
कुछ खोने का डर नहीं,
ख़्वाबों के तरफ चल रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
हर दिन संघर्ष हैं एक फिर भी,
ज़िन्दगी से ख़ुशी चुरा रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
वो जीना भी कैसा जीना हैं,
जहां उमंग ना लक्ष्य हैं कोई,
बस वक़्त काट रहे हो,
तो क्या हो तुम?
तो ज़िंदा हो तुम,
सीने में आग लेकर बढ़ रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
कुछ पाने की चाह हो,
कुछ खोने का डर नहीं,
ख़्वाबों के तरफ चल रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
हर दिन संघर्ष हैं एक फिर भी,
ज़िन्दगी से ख़ुशी चुरा रहे हो,
तो ज़िंदा हो तुम |
वो जीना भी कैसा जीना हैं,
जहां उमंग ना लक्ष्य हैं कोई,
बस वक़्त काट रहे हो,
तो क्या हो तुम?