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बेवफाई

बेवफाई

तुम्हारी बेवफाई का ग़म तब होता मोहतरमा,
जब तुमसे वफ़ा की उम्मीद करते हम,
जो खुद की खुशियां ढूंढ न सके,
वो क्या दे किसी को ग़म |

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