Hindi ए महलों में रहने वाले ए महलों मेंरहने वाले, मेरे सपनो का घर भी कुछ ऐसा है | महनत मेरी ज़्यादा है, फर्क तो सिर्फ पैसा है | उस पैसे को न मांगे मन, बस मांगे मौका एक जैसा है | हक की भीख मांगता हूँ मै , ज़माना ही कुछ वैसा है | July 10, 2016 0 0