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बहाने

बहाने

एक वक़्त था जब कहने को कुछ नहीं था,
सिर्फ बात करने के बहाने ढूँढ़ते थे,
आज जब कहने को बहुत कुछ हैं,
तो बात ना कर पाने के बहाने दे रहे हैं |

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